प्रेगनेंसी में क्या खाएं क्या ना खायें कैसे रखें खयाल-

 गर्भवती महिलाएं क्या खाएं क्या नहीं यहां देखें 1 से 9 महीने तक का पूरा डाइट चार्ट

प्रेगनेंसी डाइट टिप्स -

प्रेगनेंसी का पहला महीना बहुत ही खास होता है. प्रेगनेंसी के शुरुआती 4 सप्ताह में आपके शरीर के अंदर ढेरों बदलाव आते हैं और प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई देते हैं यह सभी लक्षण नॉर्मल होते हैं .जिससे आपको डरने या घबराने की जरूरत नहीं है! आज इस ब्लॉक में हम प्रेगनेंसी के पहले महीने इसके दौरान आने वाले लक्षण आपकी डाइट और कुछ सावधानियां पर चर्चा करेंगे, प्रेगनेंसी का पहला महीना गर्भधारण से भी पहले शुरू हो जाता है.  पीरियड के पहले दिन से शुरू हो जाता है और अगले महीने की उसी तारीख को खत्म हो जाता है अगर आप प्रेग्नेंट हैं और पहली बार मां बनने जा रही हैं तो यह ब्लॉग आपके लिए बिल्कुल जरूरी है इसे पढ़ने के बाद आप  प्रेगनेंसी हो इससे जुड़ी सभी खास और जरूरी बातों को अच्छे से समझ जाएंगी।


- प्रेगनेंसी में खानपान को लेकर डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं गर्भवती महिलाओं को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ? हर चीज के बारे में डॉक्टर बताते हैं ताकि मां और बच्चे दोनों हेल्दी रहे डाइटिशियन बताती हैं कि प्रेग्नेंट वूमेन को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. क्योंकि यह पल सबसे खास होता है इसी लिए डाइट का ख्याल रखना सबसे अहम हो जाता है ज्यादातर महिलाएं इससे अनजान होती हैं और इसकी वजह से डिलीवरी के वक्त उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है ।आइए डाइटिशियन से जानते हैं कि 1 से 9 महीने तक गर्भवती महिलाओं को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं


:- प्रेगनेंसी के पहले महीने में रखें यह सावधानी

प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान खान-पान पर जितना ध्यान देना जरूरी है उतना ही जरूरी कुछ सावधानियां पर ध्यान देना भी है अक्सर कुछ महिलाएं अपनी प्रेगनेंसी को हल्के में ले लेती हैं और खुद और स्मार्ट बनने के चक्कर में उन सभी चीजों का सेवन और वे सभी काम करती है जिनसे उन्हें खुद को दूर रखना चाहिए, और अंततः रिजल्ट के तौर पर या तो उनका गर्भपात हो जाता है या फिर उनके सामने गंभीर समस्याएं आ जाती है इसी स्थिति से बचने के लिए आपको प्रेगनेंसी के पहले महीने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ।क्योंकि ऐसा करने से आप और आपका शिशु दोनों ही हमेशा स्वस्थ और खतरो से कोसों दूर रहते हैं नीचे हम इन चीजों के बारे में बता रहे हैं जिनसे आपका दूर रहना जरूरी है


- रस्सी ना कूदे

- अच्छा संगीत सुनें

- अच्छी किताबें पड़े

- भारी वजन ना उठाएं

-ज्यादा झुकने से बचें

-डाइटिंग करने से बचें

- ज्यादा ड्राइविंग ना करें

- खुद को तनाव से दूर रखें

- पेट पर ज्यादा प्रेशर ना दे

- एक चीज को बार बार ना खाएं

- लंबे समय तक बैठे या खड़े ना रहे

- 2 महीने तक सेक्स करने से बचें

- ज्यादा टाइट कपड़ा ना पहने

- ऊंची हील वाली सैंडल ना पहने

- जंक फूड्स और कोल्ड ड्रिंक से दूर रहें


1.   1 से 3 महीने तक क्या खाएं -

प्रेगनेंसी के पहले 3 महीने से ज्यादा पैनिक होने से बचना चाहिए, इस दौरान विशेष चीजों का ध्यान देना होता है ज्यादा दूर तक सफर ना करें. पपीता, अनानास और कटहल खाने से बचें जितना हो सके पानी पिए और समय-समय पर खाना खाते रहे इस दौरान उल्टी होती रहती है .इसलिए घर पर बना खाना ही खाएं।‌ जितना हो सके लिक्विड पर फोकस  रखें।




प्रेगनेंसी के पहले महीने के लक्षण-

पीरियड ना आना

स्तनो का संवेदनशील होना और डिंपल का रंग बदलना

- ऐठन होना और खून के धब्बे आना

- सीने में जलन होना

- सूंघने की क्षमता बढ़ना

- मूड बदलना

- प्रेगनेंसी के पहले महीने में शिशु का विकास होने लग जाता है।


प्रत्यारोपण की प्रक्रिया -

फर्टिलाइजेशन के तुरंत बाद प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू होती है. जिसके दौरान हाईकोर्ट फेलोपियन ट्यूब से गर्भाशय में जाता है, और 4 से 6 दिनों के अंदर यह ढेरों कोशिकाओं में बैठ जाता है जिसके बाद ही कोशिकाएं एक जगह जमा होकर एक गेंद का आकार लेती हैं जिससे ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की दीवान से चिपक जाए तो प्रत्यारोपण की प्रक्रिया सफलतापूर्वक शुरू हो जाती है




- 3 से 6 माह तक क्या करें क्या नहीं ?

डॉक्टर के मुताबिक 3 से 6 महीने तक बॉडी का वेट गेन हो ना जरूरी होता है यह बच्चे के विकास में मददगार होता है बोन और मसल्स बनने पर भी फोकस करना चाहिए.आयरन कैल्शियम फोलिक एसिड वाली चीज खाएं सप्लीमेंट खाना बेहतर होता है पाचन तंत्र पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसी चीज ही खाएं जो आसानी से पच सके दूध दही और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं।

और मेडिटेशन करें भजन सुने गीता का पाठ करें जो नॉर्मल एक्सरसाइज होती है वह करें और ज्यादा से ज्यादा हैप्पी रहने की कोशिश करें।



7 से 9महीने में क्या करना चाहिए-

डॉक्टर बताती हैं की डिलीवरी के पीरियड में मां का ब्लड कम हो जाता है .इस वजह से डिलीवरी में प्रॉब्लम भी आती हैं हालांकि कुछ आसान उपाय अपनाकर इनसे बच सकते हैं. कैल्शियम और विटामिन ई का सेवन भरपूर मात्रा में करें। शरीर को कितनी चीजों की जरूरत है, इस पर भी ध्यान दें. डिलीवरी के समय हरी पत्तेदार सहजन कीवि, संतरा, चुकंदर खाने से ब्लड की कमी दूर होती है। हर दिन कम से कम 1 लीटर दूध पिए इससे आपको कैल्शियम मिलेगा और यह फायदेमंद होता है ।नारियल पानी पिए और अपनी थाली में 50 % रोटी चावल और दाल समेत बाकी चीज शामिल करें।

आप दूध दूसरे बने दूसरे प्रोडक्ट दाल अंकुरित अनाज अंडा और मांस आदि का सेवन कर सकती हैं प्रेगनेंसी के दौरान सेहतमंद रहने के लिए आयरन आवश्यक है इसकी जरूरत को पूरा करने के लिए आप अपने खान-पान में हरी पाटीदार सब्जियां अनार लीची पंजी और किशमिश को शामिल कर सकती हैं


डिस्क्लेमर : यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है ,अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं ।तो कृपया करके डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर की सूचनाओं के आधार पर ही कोई निर्णय लें।


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